केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में ‘राष्ट्रीय कॉन्क्लेव: मन की बात@100’ के समापन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया
अमित शाह ने इस अवसर पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने मन की बात के माध्यम से युवा पीढ़ी को जोड़कर उसे प्रेरित करने का और आकाशवाणी को नया जीवन देने का काम किया
मन की बात कार्यक्रम लोकतंत्र की नींव पर खड़ा है और लोकतंत्र का एक मुख्य पहलू जनता और नेता के बीच संवाद है, ये संवाद जितना मजबूत और सार्थक होता है लोकतंत्र की नींव उतनी ही मजबूत और सफल होती है
मोदी जी ने इस कार्यक्रम में देश की सज्जन शक्ति, सात्विक शक्ति और सृजनात्मक शक्ति को प्लेटफॉर्म देने का काम किया है
प्रधानमंत्री मोदी ने पद्म पुरस्कारों का लोकतंत्रीकरण किया, पहले पद्म पुरस्कार सिफारिशों और लोगों के रसूख को देखकर दिया जाता था, आज पद्म पुरस्कार छोटे से छोटे व्यक्ति, जिन्होंने बड़े से बड़ा काम किया है, को पारदर्शी पद्धति से दिया जाता है
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी एक परफेक्ट कम्युनिकेटर हैं, उनके जैसी कम्युनिकेशन स्किल वाला नेता पूरी दुनिया में विरले ही दिखता है
शाह ने कहा कि मन की बात एक PERFECT कम्युनिकेशन है, जिसका अर्थ है, P- Peace, E-Empowerment, R- Reflective, F- Festive, E- Economical Development, C- Caring और T- Thoughtful.
मन की बात कार्यक्रम ‘गागर में सागर’ की कहावत को चरितार्थ करते हुए देश की हर भाषा में देश के करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणास्रोत साबित हो रहा है।
मोदी जी ने इस कार्यक्रम के माध्यम से लद्दाख और लक्षद्वीप से लेकर पूर्वोत्तर और पंजाब तक, किसान से विज्ञान तक, सेल्फ हेल्प ग्रुप से लेकर स्टार्टअप तक और सहकारिता से स्पेस तक व्यक्तियों और संस्थाओं के साथ-साथ हर क्षेत्र को 99 एपिसोड्स में छूने का बेहद सफल प्रयास किया है
मोदी जी ने कई जनजागरण और सामाजिक बदलाव के कामों को इस कार्यक्रम के माध्यम से सफल बनाया है, जैसे, स्वच्छ भारत, फिट इंडिया, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, जल संरक्षण और जल संचय, वोकल फॉर लोकल, आत्मनिर्भर भारत, सुगम्य भारत और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना
मन की बात के ज़रिए विकलांग शब्द के बदले दिव्यांग शब्द देकर करोड़ों लोगों को सम्मानित करने और उन्हें समाज की प्रगति के साथ जोड़ने का काम किया
खादी एक वस्त्र नहीं विचार है, गांधी जी के बाद अगर किसी ने खादी को स्वीकृत और प्रचारित किया है तो वो मोदी जी ने किया है
भारत के कई उत्सवों की बातों को ‘मन की बात’ में शामिल करके मोदी जी ने एक भारत, श्रेष्ठ भारत की कल्पना को साकार करने का प्रयास किया
मोदी जी ने कई भारतीय खेलों को पुनर्जीवित करने का काम मन की बात के माध्यम से किया है
ये एक ऐसा आश्चर्यजनक कार्यक्रम है जिसमें 9 सालों से देश के प्रधानमंत्री जनता से संवाद कर रहे हैं लेकिन कभी भी एक भी राजनीतिक बात नहीं की है
भारत के लोकतंत्र में मोदी जी के 2 बड़े योगदान हैं- मोदी जी हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था से जातिवाद, परिवारवाद और तुष्टिकरण से मुक्त करके इसे पॉलिटिक्स ऑफ परफॉर्मेंस की दिशा में ले गए हैं
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में ‘राष्ट्रीय कॉन्क्लेव: मन की बात@100’ के समापन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया। अमित शाह ने इस अवसर पर स्मृति डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया। इस अवसर पर केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्र सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि आज का दिन देश में लोकतंत्र की नींव को मज़बूत करने वाले और इतने बड़े देश की तरक्की में योगदान देने वाले लोगों को परिष्कृत व पुरस्कृत करने वाले हमारे नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के संवाद, यानी मन की बात जैसे एक अद्भुत प्रयोग के 100 एपिसोड तक पहुंचने का ऐतिहासिक अवसर है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनसंवाद के कई माध्यम होते हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने मन की बात के माध्यम से जनसंवाद के लिए आकाशवाणी को चुना। उन्होंने कहा कि आकाशवाणी भारत की जनता की आत्मा की आवाज़ है। शाह ने कहा कि बदलते समय और प्रचार के अलग-अलग माध्यमों के कारण आकाशवाणी को लोग लगभग भूल चुके थे लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने मन की बात के माध्यम से युवा पीढ़ी को जोड़कर उसे प्रेरित करने का और आकाशवाणी को नया जीवन देने का काम किया। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने आकाशवाणी को जनसंवाद का माध्यम बनाया और 6 दशक पुराने जनसंवाद के इस माध्यम को देश के हर गांव और घर तक पहुंचाया।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि ये अद्भुत कार्यक्रम लोकतंत्र की नींव पर खड़ा है और लोकतंत्र का एक मुख्य पहलू जनता और नेता के बीच संवाद है। ये संवाद जितना मज़बूत होता है लोकतंत्र की नींव उतनी ही मज़बूत होती है, लोकतंत्र उतना ही मज़बूत और सफल होता है और ये संवाद जितना सार्थक होता है, लोकतंत्र उतना ही परिणामदेही बनता है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के सुफल तभी मिल सकते हैं जब नेता और जनता के बीच संवाद हो। उन्होंने कहा कि ये एक ऐसा आश्चर्यजनक कार्यक्रम है जिसमें 9 साल से देश के प्रधानमंत्री जनता से संवाद कर रहे हैं लेकिन उन्होने एक भी राजनीतिक बात नहीं की है। श्री शाह ने कहा कि मोदी जी ने इस कार्यक्रम में देश की सज्जन शक्ति, सात्विक शक्ति और सृजनात्मक शक्ति को प्लेटफॉर्म देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि जिस देश की ये तीनों शक्तियां संगठित, परिष्कृत और पुरस्कृत ना हों उस देश में लोकतंत्र कभी सफल नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने लोकतंत्र के इस मूलमंत्र को 99 एपिसोड्स के माध्यम से जमीन पर उतारा है।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत 9 साल में देश को कई क्षेत्रों में आगे बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि भारत के लोकतंत्र में मोदी जी के 2 बड़े योगदान हैं- मोदी जी हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था को जनता के मत की अभिव्यक्ति को प्रदूषित करने वाले जातिवाद, परिवारवाद और तुष्टिकरण से मुक्त करके इसे पॉलिटिक्स ऑफ परफॉर्मेंस की दिशा में ले गए हैं। उन्होंने कहा कि इसने हमारे लोकतंत्र को एक नई आयु, ऊर्जा और दिशा दी है। दूसरा मोदी जी ने पद्म पुरस्कारों का लोकतंत्रीकरण किया, जो पहले सिफारिशों से मिलते थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी लोकतंत्र में ये बहुत बड़ा परिवर्तन लाए हैं। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने मन की बात के माध्यम से समाज के अंदर छोटे छोटे प्रयोग करने वाले, कई क्षेत्रों में योगदान देने वाले, समाज को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने वाले और समाज को सही दिशा देने वाले कई लोगों और संस्थाओं को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने समाज को सामर्थ्यवान बनाने के लिए मन की बात का उपयोग किया और आकाशवाणी को एक प्रकार से नया जीवन दिया।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारत की राजनीति में कम्युनिकेशन स्किल को बिना किसी भाषण के बहुत अच्छी तरह से व्यवहार में उतारा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी एक परफेक्ट कम्युनिकेटर हैं, उनके जैसी कम्युनिकेशन स्किल वाला नेता पूरी दुनिया में विरले ही दिखता है। उन्होंने कहा कि मन की बात के 99 एपिसोड्स के कंटेंट में कहीं भी राजनीतिक स्वार्थ नहीं दिखाई देता है है और ये शत-प्रतिशत समाज को मज़बूत करने के लिए है। उन्होंने कहा कि मन की बात कार्यक्रम गागर में सागर को चरितार्थ करते हुए देश की हर भाषा में देश के करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणास्रोत साबित हो रहा है। श्री शाह ने कहा कि मन की बात की पैन-इंडिया प्रेज़ेंस भी है। मोदी जी ने इस कार्यक्रम के माध्यम से लद्दाख और लक्षद्वीप से लेकर पूर्वोत्तर और पंजाब तक, किसान से विज्ञान तक, सेल्फ हेल्प ग्रुप से लेकर स्टार्टअप तक और सहकारिता से स्पेस तक व्यक्तियों और संस्थाओं के साथ-साथ हर क्षेत्र को 99 एपिसोड्स में छूने का बेहद सफल प्रयास किया है। श्री शाह ने कहा कि इस प्रयास ने भारतीय जनमानस पर एक बहुत व्यापक और बड़ा असर छोड़ा है।
अमित शाह ने कहा कि 3 अक्टूबर, 2014 से शुरू हुआ मन की बात कार्यक्रम आकाशवाणी के 501 रेडियो स्टेशन, 23 भाषाओं और 29 बोलियों में सुना जाता है। इसके अलावा 11 विदेशी भाषाओं में भी इसका प्रसारण होता है। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने कई जनजागरण और सामाजिक बदलाव के कामों को इस कार्यक्रम के माध्यम से स्वच्छ भारत, फिट इंडिया, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, जल संरक्षण और जल संचय, वोकल फॉर लोकल, आत्मनिर्भर भारत, सुगम्य भारत और सांस्कृतिक विरासत को सफल बनाया है। उन्होंने कहा कि ये सारे भारत को प्रगति के रास्ते पर ले जाने वाले और सामाजिक परिवर्तन के कार्यक्रम हैं। शाह ने IIM-Rohtak के एक सर्वे को उद्धत करते हुए कहा कि मन की बात को देखने वालों में से 62 प्रतिशत लोग 19 से 34 वर्ष आयुवर्ग के हैं, देश की युवा पीढ़ी आकाशवाणी के साथ अपने आप को जोड़ रही है। इसके अलावा लगभग 23 करोड़ लोग हर एपिसोड के साथ जुड़ते हैं और देश के लगभग 100 करोड़ लोगों ने कम से कम एक बार मन की बात को सुना है। उन्होंने कहा कि ये इस कार्यक्रम की पहुंच को बताता है और मोदी जी का ये प्रयास परिणाम लाने वाला साबित हुआ है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी एक ऐसे नेता हैं जो हर समस्या को अवसर के रूप में परिवर्तित करना जानते हैं। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में कोविड के खिलाफ सरकारों ने लड़ाई लड़ी, लेकिन भारत में मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार, राज्य सरकारों और 130 करोड़ की जनता ने ये लड़ाई एकसाथ लड़ी है। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने छोटे छोटे कार्यक्रमों, प्रयासों और पहलों के माध्यम से जनता को इस लड़ाई के साथ जोड़ने का काम किया। शाह ने कहा कि मोदी जी ने कोविड के खिलाफ लड़ाई को 130 करोड़ लोगों की लड़ाई में बदल दिया और इसमें मन की बात कार्यक्रम की बहुत बड़ी भूमिका रही। उन्होंने कहा कि मन की बात से एक ऐसा संवादतंत्र स्थापित हुआ जिसके माध्यम से लोगों ने देश के सामने की इस चुनौती को स्वीकार किया और लोग इस लड़ाई में भागीदार बने।
अमित शाह ने कहा कि लगभग 700 से अधिक कंट्रीब्यूटर और 270 संगठनों की हौंसला अफज़ाई करके मोदी जी ने उन्हें ये प्रेरणा और आत्मविश्वास दिया है कि वे भी समाज में अपना योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि मन की बात कार्यक्रम अर्जेंटीना, मंगोलिया, ऑस्ट्रेलिया, माली, ग्रीस, ओमान, गुयाना और जापान जैसे कई देशों में पहुंचा है और इसने वसुधैव कुटुंबकम की कल्पना को भी चरितार्थ किया है। उन्होंने कहा कि मोदी जी के इस कम्युनिकेशन स्किल के 4 प्रमुख स्तंभ हैं- इमोशनल, स्पिरिचुअल, इंटेलेक्चुअल और फिज़िकल गतिविधियों को बढ़ावा देना। श्री शाह ने कहा कि ये एक PERFECT कम्युनिकेशन है, जिसका अर्थ है, P- Peace, E-Empowerment, R- Reflective, F- Festive, E- Economical Development, C- Caring और T- Thoughtful.
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि नवंबर, 2022 के मन की बात के एपिसोड में भारत द्वारा G-20 की अध्यक्षता, विश्व शांति की अपील और वसुधैव कुटुंबकम के कॉन्सेप्ट को जिस प्रकार प्रधानमंत्री मोदी ने रखा है, उसने वसुधैव कुटुंबकम को वैश्विक स्वीकृति दिलाने का काम किया है। इसके अलावा आत्मिक और वैश्विक शांति अद्वैत हैं, मन की बात के ज़रिए ये बताकर मोदी जी ने हमारे पुराणों के रहस्यों को भी लोगों के सामने रखा। इसके साथ ही 92वें एपिसोड में पोषण माह मनाने के आह्वान के साथ कुपोषित लोगों की ओर मोदी जी ने समाज का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप इंडिया को लेकर फैली गलत धारणा को भी मोदी जी ने मन की बात के जरिए दूर किया और सहकारिता आंदोलन को भी गति देने का काम किया।
अमित शाह ने कहा कि मन की बात के ज़रिए विकलांग को दिव्यांग बनाकर करोड़ों लोगों को सम्मानित करने और उन्हें समाज की प्रगति के साथ जोड़ने का काम किया। उन्होंने कहा कि भारत के कई उत्सवों को मन की बात में शामिल करके मोदी जी ने एक भारत, श्रेष्ठ भारत की कल्पना को साकार करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि 24 सितंबर, 2017 के एपिसोड में प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा था कि खादी एक वस्त्र नहीं विचार है और इस विचार को महात्मा गांधी जी के बाद सबसे ज्यादा किसी ने स्वीकृत और प्रचारित किया है तो मन की बात के माध्यम से मोदी जी ने किया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इकोनॉमी को मन की बात के माध्यम से मोदी जी बढ़ावा दिया है। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय खिलौनों के बारे में बात की और 2018-19 खिलौनों का आयात 371 मिलियन डॉलर से 70% घटकर 2021-22 में 110 मिलियन डॉलर रह गया और भारतीय खिलौनों का निर्यात 202 मिलियन डॉलर से बढ़कर 326 मिलियन डॉलर हो गया। यह बताता है कि मन की बात का कितना बड़ा असर होता है और आज बच्चे भारतीय खिलौनों से खेल रहे हैं।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा वाद्य यंत्र के ज़िक्र के बाद म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट का निर्यात 8 गुना बढ़ा है और उपयोग भी बहुत बढ़ गया है। श्री शाह ने कहा कि अगर आप मन की बात को धीरे और मन से सुनेंगे तो केयर करने वाले अभिभावक की बात सुनाई देगी, जैसे हमारे परिवार का एक बड़ा सदस्य हमें सलाह दे रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने मन की बात के माध्यम से कई भारतीय खेलों को पुनर्जीवित करने का काम किया है। श्री शाह ने कहा कि भारत के लोकतंत्र में मोदी जी के 2 बड़े योगदान हैं- मोदी जी हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था से जातिवाद, परिवारवाद और तुष्टिकरण से मुक्त करके इसे पॉलिटिक्स ऑफ परफॉर्मेंस की दिशा में ले गए हैं। उन्होने कहा कि मौजूदा समय की रिलेवेंट व्याख्या करने में मोदी जी ने बहुत बड़ी सफलता प्राप्त की है और हमारी परंपरागत चीजों को मौजूदा क्षेत्र में एक नई व्याख्या और जरूरत के साथ समाज के सामने रखने का काम प्रधानमंत्री मोदी जी ने किया है। उन्होंने कहा कि मन की बात एक परिपूर्ण, लोकतंत्र को मजबूत करने वाला, व्यक्ति और समाज की शक्तियों को प्लेटफार्म देने वाला, सदशक्तियों द्वारा किए गये प्रयासों को परिष्कृत और पुरस्कृत करने वाला, और देश के विकास को मल्टीडाइमेंशनल बनाकर हर क्षेत्र में राष्ट्र को आगे बढ़ाने के लिए 130 करोड़ भारतीयों को प्रेरणा देने का संवाद है