राहत के नाम पर झुनझुना थमा रही गहलोत सरकार – शेखावत

राहत के नाम पर झुनझुना थमा रही गहलोत सरकार : शेखावत

– चित्तौड़ में जन आक्रोश महाघेराव में केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री का संबोधन
– बोले, केन्द्र की योजनाओं का नाम बदलकर चला रही सरकार

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चित्तौड़गढ़़, 27 अप्रैल। केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि राहत शिविरों के नाम पर गहलोत सरकार ने गरीब आदमी को लाइनों में खड़ा कर दिया है, जबकि इन शिविरों में राहत के नाम पर मात्र पंजीयन का झुनझुना थमाया जा रहा है। राज्य सरकार पेट्रोल-डीजल के कर में अपने हिस्से की छूट देने के बजाय उसी कर की राशि से राहत देने का नाटक कर रही है। शेखावत ने गहलोत सरकार पर केन्द्र सरकार की योजनाओं को ही नाम बदल कर चलाने का आरोप लगाया।

गुरुवार को चित्तौड़गढ़़ में जन आक्रोश महाघेराव कार्यक्रम के तहत आयोजित सभा में केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि महंगाई राहत शिविरों के नाम पर गहलोत सरकार ने नया शिगूफा छोड़ने का काम किया है। भीषण गर्मी में लोगों को शिविर में रजिस्ट्रेशन के लिए बाध्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चार करोड़ लोगों को घर दिया। चार करोड़ को बिजली मिली। नौ करोड़ घरों को उज्जवला योजना के तहत गैस का चूल्हा मिला। राजस्थान में 77 लाख लोगों को उज्जवला योजना के तहत गैस का चूल्हा मिला। देश में 12 करोड़ घरों तक पीने का पानी पहुंचा। देशभर में 45 करोड़ बैंक खाते खुले। 11 करोड़ शौचालय बने। किसानों को छह हजार रुपए का मानदेय दिया जा रहा है। गरीबों को नि:शुल्क गेहूं दिए जा रहे हैं, लेकिन इनमें से किसी को भी पंजीयन के नाम पर लाइनों में नहीं लगाया गया। गहलोत सरकार शिविरों में जबरन बुलाकर गरीब लोगों कों लाइन में खड़ा कर परेशान करने का काम कर रही है।

शेखावत ने सवाल किया कि जब केन्द्र की योजनाओं का आंकड़ा राज्य सरकार के पास है। योजनाओं में लाभार्थियों की सूची और बैंक खाता आपके पास पहले से ही मौजूद है तो राहत शिविर में रजिस्ट्रेशन की क्या जरूरत थी? एक बटन दबाकर भी यह कार्य किया जा सकता था।

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जनता के पैसों से ही जनता को राहत :-

शेखावत ने राज्य सरकार की राहत देने की घोषणाओं को महज छलावा बताते हुए समझाया कि किसान को दो हजार यूनिट फ्री देनी है। उन सारे किसानों को पहले सब्सिडी मिलती थी। उसे सरकार ने बंद कर दिया। अब उसी पैसे से दो हजार यूनिट की मुक्त बिजली देने की घोषणा कर रही है, यानी हमारे ही पैसे हमें दिए जा रहे हैं तो इसके लिए लाइन लगाने कर पंजीयन करवाने की जरूरत क्या थी? आम उपभोक्ता को 100 यूनिट तक फ्री करने का वादा करने प्रति यूनिट 45 पैसे बढ़ा दिए। गैस सिलेंडर पर मोदी सरकार उज्ज्वला योजना के तहत पहले से ही सब्सिडी दे रही है।

पेट्रोल-डीजल पर टैक्स से सरकार जनता को लूट रही :-

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि राजस्थान में डीजल-पेट्रेाल सबसे ज्यादा महंगा है। पड़ोसी राज्यों की तुलना में डीजल आठ और पेट्रोल दस रुपए ज्यादा महंगा है। उस पैसे को चुराने का काम राज्य की सरकार करती है। यह राशि करीब 470 करोड़ प्रति माह होती है। इस प्रकार हर साल 5640 करेाड़ रुपए राज्य सरकार आपकी जेब से निकाल लेती है। 22,560 करोड़ रुपए चार साल में होते हैं। पेट्रोल- डीजल में ज्यादा राशि लेकर पहले तो महंगाई बढ़ाई और उसी पैसे से आपको महगांई में राहत देने का नाम कर रहे हैं। 22 हजार करोड़ रुपए लेकर सौ करोड़ राहत के नाम पर वापस देगी सरकार। इस भुलावे में आपको नहीं आना है।

कर्जे में डूबी है राज्य सरकार :-

शेखावत ने आरोप लगाया कि यह सरकार राजस्थान को खोखला करने वाली सरकार है। राजस्थान पर छह लाख करोड़ का कर्जा है। राजस्थान सरकार की आय सौ रुपए है तो एक सौ आठ रुपए खर्चा है। इस सरकार की आय वेतन, पेंशन और कर्ज चुकाने में ही खर्च हो जाती है। जो कुछ भी आपको विकास कार्य दिखाई देते हैं, वह केन्द्र सरकार के पैसों से हो रहा है।

केन्द्र की योजनाअओं का बदल रहे नाम, चला रहे काम :-

शेखावत ने कहा कि गहलोत सरकार भारत सरकार की योजनाओ का नाम बदल कर अपना काम चला रही है। उज्ज्वला योजना को नाम बदलकर इंदिरा गांधी नि:शुल्क गैस सिंलेडर योजना कर दिया। आयुष्मान भारत की योजना चलाई। ये चिरंजीवी योजना चला रहे हैं। इन्होंने पांच लाख से दस लाख तक की आर्थिक सहायता की घोषणा की थी, लेकिन अब तक मात्र 75 लोगों को यह राशि मिली है। ऐसे घोखे में हम आने वाले हैं क्या? भारत सरकार के पैसे को अपने नाम से करना चाहती है। जल जीवन मिशन में सबसे ज्यादा बजट राजस्थान को मिला, लेकिन देश में सबसे कम काम राजस्थान में हुआ है।

किसानों और युवाओं के साथ धोखा किया :-

शेखावत ने कहा कि प्रदेश सरकार ने किसानों का कर्जा माफ नहीं किया। कर्जे के बोझ के तले दबकर किसानों ने आत्महत्या तक की। यह सरकार धोखा करके किसानों की हत्या करने वाली सरकार को बदलना होगा। युवाओं के साथ धोखा करने वाली सरकार। परीक्षाओं में नकल के कारण उनके साथ धोखा हुआ। बाद में मुख्यमंत्री ने कहा था कि न तो कोई अधिकारी दोषी है और न ही नेता दोषी है। अब अधिकारी भी पकड़े जा रहे हैं और आरपीएससी के मेंबर भी पकड़े जा रहे हैं। इस सरकार को बदलना होगा।

भराई हुुंकार – यह सरकार उखाड़ फेंकनी है :-

शेखावत ने नारे लगवाकर जनता का आह्वान किया कि यह सरकार उखाड़ फेंकनी है। उन्होंने नारा लगवाया कि यह सरकार केन्द्र की योजनाओं को लेट करनी वाली सरकार है, इसे उखाड़ फेंकना है या नहीं? यह पेपरलीक कराने वाली सरकार है, इसे उखाड़ फेंकना है या नहीं? भ्रष्टाचारी सरकार को उखाडकर फेंकना है या नहीं? यह कन्हैयालाल की हत्यारी सरकार है, इसे उखाड़ फेंकना है या नहीं? महिलाओं की अपराधी सरकार को उखाड़ फेंकना है या नहीं? किसानों की हत्यारी सरकार को उखाड़ फेंकना है या नहीं? युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाली सरकार को उखाड़ फेंकना है या नहीं? इस पर भीड़ ने उत्साह से जवाब दिया- हां, उखाड़ फेंकना है। सभा को भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने भी संबोधित किया।

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