बड़े पर्दे पर काम करना हर एक्टर का सपना होता है। कई एक्टर्स टेलीविजन के पर्दे पर अपने सफर की शुरूआत करते हैं और उनका लक्ष्य होता है बाॅलीवुड की दुनिया में कदम रखना, लेकिन टेलीविजन के कई एक्टर्स ने अपने सटीक प्रदर्शन और यादगार किरदारों से दोनों मंचों पर राज किया है। एण्डटीवी के कलाकार अनीता प्रधान (मालती देवी, ‘दूसरी माँ’), विश्वनाथ चटर्जी (बेनी, ‘हप्पू की उलटन पलटन’) और रोहिताश्व गौड़ (मनमोहन तिवारी, ‘भाबीजी घर पर हैं’) अपने उन मजबूत किरदारों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें दर्शकों ने लंबे समय तक पसंद किया है। एण्डटीवी के शो ‘दूसरी माँ‘ में मालती देवी की भूमिका निभा रहीं अनीता प्रधान ने बताया, ‘‘बचपन में एक्टर्स को बड़े पर्दे पर देखते-देखते मेरी भी आकांक्षाएं जागीं और मैंने एक दिन उनके पदचिन्हों पर चलने का खुद से वादा किया। अपने एक्टिंग के सफर में मुझे बेहतरीन कलाकारों के साथ बड़ी फिल्मों में दिखने के कई छोटे, लेकिन यादगार मौके मिले। हालांकि सबसे बेहतरीन था ‘लिटिल बुद्धा’ में शानदार केयानु रीव्स के साथ काम करने का मौका। केयानु रीव्स एक बेहतरीन परफाॅर्मर हैं, इस कारण मेरा अनुभव खास हो गया। वह मेरे कॅरियर में एक छोटी, लेकिन महत्वपूर्ण उपलब्धि थी। इसके बाद मैंने आइकाॅनिक जूडी डेंच के साथ ‘द ग्रेट एक्जोटिक मैरीगोल्ड होटल’ में एक कैमियो रोल किया। उसमें एक महत्वपूर्ण भाग था, जहाँ मेरे डायलाॅग फिल्म के प्रमुख कलाकारों के साथ थे और फिल्म देखने वालों पर मेरा प्रभाव हुआ। इसके अलावा, मैंने हिन्दी सिनेमा, टेलीविजन प्रोडक्शंस और ओटीटी प्लेटफाॅम्र्स पर अलग-अलग वाली भूमिकाएं निभाई हैं। ऐसी शानदार फिल्मों का हिस्सा बनने का हर मौका मेरे स्टारडम की सीढ़ी रहा है, यह एक अनमोल खजाना है, जिसकी चमक हमेशा मेरे दिल में रहेगी।’’
‘हप्पू की उलटन पलटन‘ के बेनी, यानि विश्वनाथ चटर्जी ने बताया, ‘‘बड़े पर्दे का हिस्सा बनना हमेशा से मेरा सपना था। इसका पहला अनुभव मुझे ‘अजब प्रेम की गजब कहानी’ के एक कैमियो रोल में हुआ, जिसमें प्रतिभाशाली रणबीर कपूर और कैटरीना कैफ थीं। हालांकि, उसके बाद एक लंबे ब्रेक और संघर्ष का वक्त आया। चुनौतियों के बावजूद मैं डटा रहा और फिर मौके मिलने लगे। उस दौरान मैंने कुछ फिल्में कीं। पर एक्टिंग में मेरे सबसे यादगार अनुभवों में से एक था ‘लुका छिपी’ में पंकज त्रिपाठी जी जैसे गजब के अभिनेता और विनम्र स्वभाव के कार्तिक आर्यन के साथ पर्दे पर आना। उस फिल्म में मैंने गुड्डू (कार्तिक आर्यन) के बड़े भाई की भूमिका निभाई थी, जिसका अपने सबसे छोटे भाई से गहरा लगाव था। कार्तिक के दयालु स्वभाव और विनम्रता ने मुझे एक साथी कलाकार से ज्यादा बना दिया और वह मेरे सच्चे भाई बन गये। शूटिंग के बाद वह मुझे ‘भैया’ कहकर पुकारते थे और उन्होंने अपने परिवार से मेरा परिचय भी कराया। खाली वक्त में हम साथ बैठकर क्रिकेट के मैच देखते और स्वादिष्ट पकवान खाते थे। जब मैंने आखिरकार खुद को बड़े पर्दे पर देखा, तब हमारा असल जैसा रिश्ता पर्दे पर भी झलका। आज भी लोग मुझे प्यार से उस फिल्म में गुड्डू के भाई के तौर पर याद करते हैं और मुझे प्रशंसकों का प्यार और ध्यान पाने में सचमुच मजा आता है।’’ ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के मनमोहन तिवारी, यानि रोहिताश्व गौड़ ने बताया, ‘‘भाबीजी घर पर हैं’ में मेरा किरदार मनमोहन तिवारी अब घर-घर में जाना-पहचाना नाम बन चुका है और मैं इतना प्यार और सराहना देने के लिये दर्शकों का जितना धन्यवाद करूं, कम होगा। यह किरदार लोगों को इतना पसंद आया है कि मुझे अक्सर रोहिताश्व की जगह ‘तिवारी जी’ कहकर पुकारा जाता है। लेकिन इससे पहले मैंने कई फिल्मों में काम किया था। अपने कॅरियर में मुझे बेजोड़ एक्टर्स के साथ कई फिल्मों में काम करने का सौभाग्य मिला। तिवारी जी समेत विभिन्न किरदार निभाने के बावजूद मुझे ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ के एक मशहूर सीन में नारियल बेचने वाले की भूमिका के लिये सबसे ज्यादा जाना जाता है। उस सीन का फिल्म और मेरी यात्रा में बड़ा महत्व है। दिवंगत सुनील दत्त जी और बेहतरीन बोमन ईरानी जी के साथ पर्दे पर आने का अनुभव खुशी देने वाला और सपने के जैसा था। मैंने कभी सोचा नहीं था कि उस फिल्म में मेरी छोटी-सी भूमिका इतनी लोकप्रिय होगी। लोग आज भी मुझे प्यार से ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ के लिये याद करते हैं। यह आकस्मिक पहचान मिलना मेरे लिये सपने के सच होने जैसा रहा है। एक्टर के तौर पर मेरा पक्का मानना है कि आप पर्दे पर कितनी देर दिखाई दे रहे हैं, इसकी चिंता नहीं करनी चाहिए य आपके लिए किरदार का प्रभाव मायने रखता है।’’
देखिये ‘दूसरी माँ’ रात 8ः00 बजे, ‘हप्पू की उलटन पलटन’ रात 10ः00 बजे और ‘भाबीजी घर पर हैं’ रात 10ः30 बजे, हर सोमवार से शुक्रवार सिर्फ एण्डटीवी पर!