जयपुर, 9 जनवरी। मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा ने कहा कि सरकार का ध्येय सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास है। हमारा दायित्व है कि अपने कर्तव्य को पूर्ण निष्ठा से निभाते हुए जनता के विश्वास को कायम रखें। सरकार की हर योजना का लाभ अंतिम पंक्ति में बैठे पात्र व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिए अधिकारी पूर्ण संवेदनशीलता के साथ कार्य करें।
श्री शर्मा मंगलवार को उदयपुर प्रवास के दौरान संभागीय आयुक्त कार्यालय में संभाग स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।
कानून व्यवस्था सरकार की प्राथमिकता :-
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। उन्होंने संगठित अपराधों पर सख्ती से नकेल कसने के निर्देश दिए। इस दौरान श्री शर्मा ने पुलिस महानिरीक्षक श्री अजयपाल लांबा से संभाग में कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में जानकारी ली। साथ ही संगठित अपराधों की स्थिति और पुलिस की कवायदों के बारे में फीडबैक लिया। मुख्यमंत्री ने अभय कमाण्ड सेंटर के सुचारू संचालन तथा कैमरों के रखरखाव के निर्देश दिए।
सुशासन हमारा मूल मंत्र, अधिकारी प्रतिदिन करें कार्यों की समीक्षा :-
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन हमारा मूल मंत्र है। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने प्रतिदिन के कार्यों की समीक्षा करें, ताकि आमजन को राहत मिले। उन्होंने विभागीय कार्यों की प्रभावी मॉनिटरिंग, दफ्तरों में अच्छी व्यवस्था व माहौल रखने तथा कार्यों को समयबद्ध संपादित करने के निर्देश दिए।
विकसित भारत संकल्प यात्रा की हो प्रभावी मॉनिटरिंग :-
श्री शर्मा ने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के प्रत्येक भारतीय को समर्थ और सशक्त बनाने तथा देश को आजादी की 100वीं वर्षगांठ तक विकसित राष्ट्र की पंक्ति में खड़ा करने की संकल्पना को मूर्त रूप देने का अनुष्ठान है। इसे पूर्ण गंभीरता से लिया जाए। उन्होंने कहा कि अधिकारी इसकी सतत मॉनिटरिंग कर शिविरों में शत-प्रतिशत पात्र लोगों को केन्द्र की जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित करें।
जनसुनवाई पर विशेष ध्यान दें :-
मुख्यमंत्री ने कहा कि आमजन की समस्याओं को सुनकर उसके त्वरित समाधान की दिशा में काम हो। ऐसी व्यवस्था बनाएं कि जमीनी स्तर पर पीड़ित को न्याय मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जनजाति क्षेत्र है। यहां के लोगों की कठिन जीवनचर्या है। उनके वनाधिकार पट्टे, मकान आदि की सुविधा पर जोर दें। कहीं कोई तकनीकी अड़चन हो तो नियमानुसार रास्ता निकालकर उन्हें राहत प्रदान की जाए।
भविष्योन्मुखी योजनाओं पर हो काम :-
श्री शर्मा ने बैठक में कृषि विभाग की योजनाओं पर भी चर्चा की। उन्होंने मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण की जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उदयपुर संभाग की भौगोलिक स्थिति और मौसम प्राकृतिक कृषि के लिए अनुकूल है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में भविष्योन्मुखी योजनाओं पर काम होना चाहिए। उन्होंने फल आधारित कृषि को बढ़ावा देने तथा पड़ौसी राज्य गुजरात में इसके लिए बाजार की संभावनाएं खोजने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सरकार का प्लान 5 वर्ष का नहीं होकर 25 वर्ष के लिए होना चाहिए, ताकि आमजन को योजनाओं का पूर्ण लाभ मिल सके।
उन्होंने विभागवार योजनाओं की जानकारी लेते हुए बिजली, पानी, सड़क, चिकित्सा सुविधाओं आदि की बिन्दूवार समीक्षा की। विभागीय अधिकारियों ने योजनाओं की प्रगति की जानकारी देते हुए आगामी समय में प्रस्तावित कार्यों से भी अवगत कराया। संभागीय आयुक्त श्री राजेंद्र भट्ट ने संभाग के सभी जिलों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।
बैठक में जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री श्री बाबूलाल खराड़ी, उदयपुर ग्रामीण विधायक श्री फूलसिंह मीणा, वल्लभनगर विधायक श्री उदयलाल डांगी, गोगुन्दा विधायक श्री प्रताप गमेती, जिला प्रमुख श्रीमती ममता पंवार, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अभय कुमार, देवस्थान आयुक्त श्रीमती प्रज्ञा केवलरमानी, एसीबी डीआईजी श्री राजेन्द्र प्रसाद गोयल, संभाग के सभी पांच जिलों के कलक्टर्स और एसपी, सीसीएफ श्री आर.के.जैन तथा अतिरिक्त संभागीय आयुक्त श्री महावीर खराड़ी सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित रहे।