बाड़मेर। 2013 में वरिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय श्री अशोक लुनिया जी द्वारा स्थापित किया गया था, जज़्बात-ए-कलम (Jazbat E Kalam) पुरस्कार, पत्रकारिता के प्रति समर्पण का प्रतीक है। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार न केवल पत्रकारिता के गौरव को बनाए रखने का उद्देश्य रखता है, बल्कि यह अनुभवी पत्रकारों और नए प्रतिभाग्रस्त पत्रकारों के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में भी कार्य करता है। पिछले पाँच सीजनों में, 500 से अधिक पत्रकारों के संबढ़ का आदान-प्रदान किया गया है, जो सत्य और सूचना प्रसार में उनकी समर्पणशीलता को साबित करता है।
इस बार Jazbat E Kalam का कार्यक्रम, परंपरा से हटकर, विभिन्न रूपों में संवाद के स्रोत के रूप में कलाकारों को भी सम्मानित करने का वादा करता है। पत्रकारों और कलाकारों दोनों को सम्मानित करने का निर्णय, जागरूकता करता है कि प्रभावी संवाद कई रूपों में हो सकता है, जिससे लेखित शब्द और कलात्मक अभिव्यक्ति के बीच की सीमाएं पार की जा सकती हैं।
नामांकन के लिए इच्छुक व्यक्तियों को एक व्यापक आवेदन पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक है
पत्रकारों को : अपने 2023 में किए गए मीडिया कवरेज के विवरण प्रदान करना होगा, जिसमे न्यूज़पेपर क्लिपिंग्स, न्यूज़ क्लिप्स, और वीडियो उदाहरणों के माध्यम से प्रस्तुत किया जा सकता है। उसी तरह,
कलाकारों को : अपने 2023 में किए गए श्रेष्ठ कार्यों की जानकारी प्रदान करना होगा , जिसमें न्यूज़ कटिंग्स, मीडिया सोर्स ,यूआरएल के माध्यम से उपलब्ध कराना आवश्यक है।
पत्रकारों और कलाकारों के चयन प्रक्रिया को पाँच सदस्यी ज्यूरी कमेटी द्वारा संचालित किया जाएगा, जो उत्कृष्टता की प्रमुख उम्मीदवारों को चुनने की जिम्मेदारी संभालेगी। इस समिति की भूमिका, सुनिश्चित करना है कि “जज़्बात-ए-कलम” (Jazbat E Kalam) पुरस्कार सतत रूप से पत्रकारिता और कलात्मक अभिव्यक्ति के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता का समर्थन करता रहे।