डॉ. जितेंद्र सिंह ने एम्स जम्मू के काम की गति की समीक्षा की; एम्स प्रशासन और सीपीडब्ल्यूडी को एम्स परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए, ताकि औपचारिक उद्घाटन जल्द से जल्द किया जा सके
नई दिल्ली। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री; कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन; परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रतिष्ठित परियोजना एम्स जम्मू के मौके पर दौरे के दौरान एम्स प्रशासन और सीपीडब्ल्यूडी को एम्स परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश जारी किए, ताकि औपचारिक उद्घाटन किया जा सके।
मंत्री महोदय ने उनसे अपने प्रयासों को दोगुना करने तथा दोहरी पाली में चौबीसों घंटे काम करने को कहा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने की उम्मीद के साथ जम्मू और कश्मीर के लिए दो एम्स को मंजूरी दी थी। मंत्री महोदय ने इस बात पर बल दिया कि चिकित्सा संस्थान के शीघ्र पूरा होने से सरकार विशेष रूप से जम्मू संभाग और सामान्य रूप से आसपास के क्षेत्रों के लोगों को प्रीमियम स्वास्थ्य सुविधा समर्पित करने में सक्षम होगी।
उन्होंने इस अवसर पर मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि कश्मीर और देश के शेष भागों के बीच रेल लाइन, एम्स, पर्पल क्रांति, जम्मू-कश्मीर में रिकॉर्ड संख्या में पर्यटकों के आने तथा माता वैष्णो देवी मंदिर में तीर्थयात्रियों के आगमन जैसी विभिन्न परियोजनाओं के पूरा होने का उल्लेख किया और इसे जम्मू-कश्मीर को बदलने के लिए सरकार द्वारा की गई अग्रणी पहल बताया।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने इससे पहले आयुष ब्लॉक कन्वेंशन सेंटर, ओपीडी ब्लॉक, अस्पताल ब्लॉक और आपातकालीन ब्लॉक का दौरा कर निर्माण तथा अन्य कार्यों का निरिक्षण किया। उन्होंने गहरी रुचि दिखाई और संबंधित लोगों को आवश्यक परिवर्तन करने के लिए निर्देशित किया ताकि संस्थान सर्वोत्तम स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करके बड़ी आबादी को लाभान्वित कर सके।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि एम्स जम्मू एक अत्याधुनिक परियोजना है जो इसे देश के शेष भागों में इसी तरह की परियोजनाओं की तुलना में विशेष बनाती है। उन्होंने फैकल्टी, विद्यार्थियों के लिए आवासीय और सभी आधुनिक सुविधाओं और गैजेट्स के साथ पूरी की जा रही अन्य आवासीय परियोजनाओं पर संतोष व्यक्त किया।
परियोजना के लिए मुख्य अभियंता सीपीडब्ल्यूडी मुकेश मीणा ने अपने प्रस्तुतीकरण में बताया कि एम्स जम्मू अस्पताल परिसर का कुल क्षेत्रफल 226.84 एकड़ है, जिसमें से 96 एकड़ में अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, कन्वेंशन सेंटर, आयुष ब्लॉक और रैन बसेरा शामिल हैं। दक्षिण में 130.84 एकड़ के क्षेत्र में छात्र गतिविधि केंद्र, खेल केंद्र, आवासीय छात्रावास और गेस्ट हाउस जैसे परिसर हैं।
मंत्री महोदय को बताया गया कि यह परियोजना 1661 करोड़ रुपये की थी, जिसमें से 1404 करोड़ रुपए अवसंरचना निर्माण पर, 48.72 करोड़ रुपए पूर्व-निर्माण गतिविधियों पर, 22 करोड़ रुपए गैर-चिकित्सा फर्नीचर के लिए और 185.32 करोड़ रुपए चिकित्सा उपकरण और फर्नीचर पर खर्च किए जाने थे। मुख्य अभियंता ने बताया कि परियोजना के पूरा होने की लक्ष्य तिथि जनवरी 2024 है। उन्होंने परियोजना को पूरा करने के लिए 203 करोड़ रुपये की अतिरिक्त अनुमानित धनराशि के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से आवश्यक सहायता के बारे में भी जानकारी दी।
सीपीडब्ल्यूडी ने सिविल कार्यों के तहत परिसर के अंदर एक पुलिस स्टेशन और फायर स्टेशन का निर्माण किया है और आपातकालीन और अन्य उद्देश्यों के लिए हेलीपैड की सुविधा भी है। बैठक में बताया गया कि आयुष भवन, पशु सुविधाएं, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन भवन, विद्युत सबस्टेशन, रैन बसेरा, फायर स्टेशन, सभागार और अकादमिक भवन पहले ही पूरा हो चुका है, जबकि अस्पताल टावर, डायग्नोस्टिक ब्लॉक और कुछ अन्य टावरों का काम इस महीने के अंत में पूरा हो जाएगा।
एम्स जम्मू के निदेशक प्रोफेसर डॉ. शक्ति गुप्ता ने बताया कि जहां तक एम्स जम्मू के लिए मानव शक्ति का प्रश्न है, संस्थान ने पहले ही इस पर काम करना शुरू कर दिया है और अधिकांश फैकल्टी और प्रशासनिक कर्मचारियों की भर्ती पहले ही की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि एम्स जम्मू के लिए 449 पदों के सृजन का एक अतिरिक्त प्रस्ताव पहले ही स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि संस्थान अनुबंध के आधार पर गैर-संकाय पद के सृजन के प्रस्ताव पर काम कर रहा है और एम्स जम्मू में वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी के 231 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से 25 प्रतिशत सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाने हैं जबकि 75 प्रतिशत पदोन्नति और सीधी भर्ती के लिए 57 पद पहले ही भरे जा चुके हैं। प्रोफेसर डॉ. शक्ति गुप्ता ने समीक्षा बैठक में बताया कि उपकरण स्थापित करने तथा अन्य चिकित्सा तकनीकी आवश्यकताओं के लिए भी परियोजना पूर्ण होने के अंतिम चरण में है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि एम्स जम्मू जल्द ही राष्ट्र को समर्पित करने के लिए तैयार हो जाएगा।