इंडियन आर्मी ने जम्मू कश्मीर राइफल्स स्थापना दिवस एवं न्यू ईयर ग्रामीणों के साथ मिलजुलकर मनाया – बाड़मेर

बाड़मेर/गडरारोड़। जम्मू कश्मीर राइफल्स स्थापना दिवस एवं न्यू ईयर के मौके भारतीय सेना और स्थानीय लोगों ने मिलजुलकर नववर्ष मनाया।
सूबेदार खुशालखान ने संबोधित करते हुए बताया कि 1 जनवरी 1976 को जम्मू कश्मीर राइफल्स की स्थापना हुई थी। संयोग से एक जनवरी को न्यू ईयर भी मनाया जाता है। इसी कड़ी में स्थानीय प्रबुद्ध जनों के साथ सामाजिक सौहार्दपूर्ण यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। उन्होंने देश में शान्ति अमन का पैगाम देते हुए सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा…,कर चले हम फिदा… देशभक्ति गीतों एवं शेरो शायरी से उपस्थित सभी में राष्ट्रभक्ति का संचार कर दिया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गडरारोड़ प्रधान सलमान खान ने बताया कि जब कभी भी नागरिकों को कोई भी समस्या होती है तो सेना सबसे पहले अपनी प्रतिक्रिया देती है और आवश्यकता पड़ने पर नागरिक भी सैनिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होते हैं।

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर राइफल्स के स्थापना दिवस एवं नववर्ष 2024 के लिए मैं पूरे सीमावर्ती क्षेत्र की तरफ से भारतीय सेना को बधाई और धन्यवाद देता हूं। जब भी हम किसी कठिनाई का सामना करते हैं, तो सबसे कठिन समय में सेना हमारी मदद के लिए आती है।

पत्रकार भीखभारती गोस्वामी ने बताया कि हम बॉर्डर पर रहते हैं इसलिए सीमा प्रहरी है। 1965 और 1971 के भारत पाक युद्ध के दौरान सीमावर्ती ग्रामीणों ने सेना का कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया है। आज भी सीमावर्ती ग्रामीणों में वही जज्बा हैं। सेना,बीएसएफ को जब भी आवश्यकता पड़ी हम सदैव तत्पर रहेंगे।

उन्होंने कहा हम सेना बीएसएफ के साथ सभी महत्वपूर्ण त्यौहार मनाते हैं।

जवानों के साथ हमारा प्रेम भाईचारे का रिश्ता है और हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि यह हमेशा मजबूत बना रहे।
कार्यक्रम को पूर्व सरपंच रमेशचंद्र चांडक, बीएसएफ के कंपनी कमांडर सत्यवान गौड़,अशोकसिंह, बाबूखान, पूर्व सरपंच पीराराम, नन्द किशोर राणासर ने भी संबोधित किया।

कार्यक्रम में स्थानीय मांगणियार कलाकारों ने सुमधुर प्रस्तुतियां देकर सबका मन मोहा, वहीं सैन्य अधिकारियों ने स्थानीय लोगों के साथ गर्म चाय पी, भोजन किया और सौहार्दपूर्ण माहौल में नव वर्ष मनाते हुए एक दूसरे को शुभकामनाएं दीं।

इस दौरान गडरा फारवर्ड कम्पनी कमांडर तरुण कुमार, सूबेदार कृष्णसिंह, सूबेदार सफदर अली खान, महेंद्रसिंह तामलोर, तगाराम मेघवाल, आवड़सिंह सोढा,सरपंच सखीखान राणासर,कुशलसिंह मगरा, चतरसिंह, अरविंद बालाच,झामनदास सोलंकी सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

:-भीख भारती गोस्वामी

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