सचिव विवेक भारद्वाज ने पंचायती राज संस्थानों (PRI) में सौर ऊर्जा को अपनाने पर चर्चा के लिए प्रमुख सौर कंपनियों के साथ बैठक की गई

नई दिल्ली। पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री विवेक भारद्वाज ने पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) में सौर ऊर्जा को अपनाने पर विचार-विमर्श के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में विषय से संबंधित महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा हुई। जमीनी स्तर पर सौर पहल के लिए टिकाऊ व्यवसाय मॉडल के विकास और अपनाने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए पंचायतों के अधीन मांग उत्पन्न करने की रणनीतियों पर चर्चा की गई।

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इस बैठक के दौरान श्री विवेक भारद्वाज ने कहा कि पंचायतों में सौर प्रणाली को लागू करने के लिए एक केंद्रित प्रयास जरूरी है और इसे सभी हितधारकों की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से पूरा किया जा सकता है। इसके अलावा उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जो पंचायतें विषयवस्तु-5 ‘स्वच्छ और हरित गांव’ के तहत विषयगत योजनाएं विकसित कर रही हैं, उन्हें व्यावसायिक आधार पर सौर प्रणाली स्थापित करने के लिए प्राथमिकता दी जा सकती है। सचिव ने आगे बताया कि वर्तमान में पांच राज्यों में उन पंचायतों की बड़ी संख्या है, जिन्होंने “स्वच्छ और हरित” का संकल्प लिया है और इसके अनुरूप ऐसे पंचायतों में प्रयास किए जा सकते हैं।

सीओपी 26 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री की ओर से व्यक्त की गई प्रतिबद्धता और नवीकरणीय ऊर्जा में भारत की महत्वपूर्ण क्षमता को मान्यता प्राप्त होने को देखते हुए पंचायती राज मंत्रालय ‘ग्राम ऊर्जा स्वराज’ की सोच को साकार करने के लिए पर्याप्त प्रयास कर रहा है। इस रणनीतिक प्रयास का उद्देश्य पंचायती राज संस्थाओं में नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देकर टिकाऊ और स्वच्छ ऊर्जा के राष्ट्रीय एजेंडे में योगदान करना है।

इस बैठक के प्रमुख प्रतिभागियों में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारतीय सौर ऊर्जा निगम व भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी के प्रतिनिधि शामिल थे। इसके अलावा बैठक में प्रमुख सौर उद्योग निकाय भारतीय राष्ट्रीय सौर ऊर्जा महासंघ (एनएसईएफआई) ने टाटा पावर, सनमास्टर, एक्सिस एनर्जी, आईबी सोलर, अहसोलर और एयरोकॉम्पैक्ट सहित कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया।

एनएसईएफआई के महासचिव श्री दीपक गुप्ता ने मंत्रालय की इस पहल का स्वागत किया और विभिन्न व्यावसायिक मॉडलों के लिए केस स्टडीज के रूप में पूरे देश के चयनित पंचायतों में प्रायोगिक परियोजनाओं को तैयार करने का सुझाव दिया।

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