कृषि महाविद्यालय बायतु द्वारा विश्व पृथ्वी दिवस-2023 का आयोजन किया।
जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों को नियंत्रित करने के लिए टिकाऊ एवं संतुलित विकास जरूरी-
प्रोफेसर उम्मेद सिंह।
बायतु, (शौकत सोलंकी)। कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर के अधीनस्थ कृषि महाविद्यालय, बायतु द्वारा विश्व पृथ्वी दिवस-2023 का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर उम्मेद सिंह, अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय ने आगामी पीढ़ियों के लिए प्राकृतिक संसाधनों को बचाए रखने, संरक्षित करने एवं इनका टिकाऊ एवं सदुपयोग करने का सुझाव दिया। प्रोफेसर सिंह ने बताया कि इस वर्ष विश्व पृथ्वी दिवस-2023 का थीम हमारे ग्रह में निवेश करें है। इस दिवस को अंतरराष्ट्रीय धरती मां दिवस के रूप में भी मनाया जाता है, ताकि मनुष्य धरती को अपनी मां स्वरूप मानते हुए टिकाऊ क्रियाएं करें तथा पर्यावरण की रक्षा करते हुए इसे प्रदूषित नहीं करें। साथ ही प्रोफेसर सिंह ने विद्यार्थियों से आह्वान किया की पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने, जंगलों की कटाई को रोकने, पौधरोपण को बढ़ावा देने, मृदा को प्रदूषित होने से बचाने एवं जलवायु प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभाव का निवारण करने के प्रति आमजन को जाग्रत करना हमारा ध्येय होना चाहिए। तभी हम भविष्य की पीढ़ियों के लिए सुदृढ़ स्वस्थ पृथ्वी एवं गुणवत्ता युक्त जीवन की कल्पना कर सकेंगे। कार्यक्रम में डॉ. अशोक कुमार मीणा ने समन्वय करते हुए प्रस्तुति दी तथा संचालन डॉ. सीमा यादव ने किया। इस दौरान महाविद्यालय के विद्यार्थी के अलावा स्टॉफ गण में डॉ. के. सी. बैरवा, शंभू सिंह एवं नाहर सिंह देवड़ा उपस्थित रहे।